लखनऊ। उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में डेंगू से 50 लोगों की मौत के बाद वहां के डीएम ने एक महीने के लिए कूलर के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। विशेषज्ञों ने जांच में पाया है कि वहां कूलर के पानी में बहुत ही खतरनाक डेंगू की प्रजाति से बीमारी फैली है।
इस डेंगू में बच्चों की प्लेटलेट्स बहुत जल्दी कम हो जाती हैं, जिनसे उनकी मौत हो जाती है। पूरा यूपी इस वक्त वायरल बुखार की चपेट में है। कई जगहों पर हालात ऐसे हैं कि मरीजों को अस्पताल तक लाने के लिए साधन नहीं मिल पा रहे हैं, जिसकी वजह से लोग पैदल ही मरीजों को अस्पताल लेकर आ रहे हैं। वहीं, कई लोगों को अपने परिवार वालों के शवों को ले जाने के लिए भी साधन नहीं मिल पा रहे हैं।
फिरोजाबाद के डीएम चंद्र विजय सिंह ने बताया कि हमें डब्ल्यूएचओ की टीम ने बताया कि ये रक्तस्रावी डेंगू है और बहुत खतरनाक है। इसमें बच्चों की प्लेटलेट्स अचानक से गिरती हैं और खून आना शुरू हो जाता है।’ फिरोजाबाद में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक कम से कम 50 लोगों की मौत हो गई है। जबकि भाजपा विधायक मनीष असीजा कहते हैं कि मरने वालों की तादाद 60 से ज्यादा है।
इनमें ज्यादात्तर बच्चे हैं। केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय से पांच विशेषज्ञ और प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग के तीन विशेषज्ञ भेजे गए हैं। राज्य के एक कीटविज्ञानी ने बताया कि जो मुख्य कारण है कूलर है। यूपी के तमाम जिले वायरल बुखार की चपेट में हैं। उन्नाव में चार दिन में 800 मरीज आए हैं। यहां डेंगू के लिए स्पेशल वार्ड बनाया गया है।
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देवरिया के सरकारी अस्पताल की ओपीडी में वायरल बुखार के 100 बच्चे आए। जबकि 50 आईसीयू और जनरल वार्ड में भर्ती हैं। कानपुर के सरकारी अस्पतालों में बुखार के मरीजों की भीड़ है। इनमें भी बच्चे ज्यादा हैं। हापुड़ के सरकारी अस्पताल में बीमार बच्चों को लेकर आई महिलाओं की भीड़ है।
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